
कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत ने कहा है कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य है, जिसने सहकारिता क्षेत्र में महिलाओं की 33 प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित की है। नई दिल्ली के भारत मंडपम में देश के सहकारिता मंत्रियों के सम्मेलन ‘मंथन’ को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने की।
उन्होंने कहा कि मिशन मिलेट के तहत राज्य के किसानों की आय में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि एक समय था जब किसान रागी को 10 रुपये प्रति किलो के भाव से बेचते थे, लेकिन अब सहकारी समितियां इसे किसानों के दरवाजे से 42 रुपये प्रति किलो के भाव से खरीद रही हैं। सहकारिता विभाग महिला स्वयं सहायता समूहों को पांच लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त ऋण वितरित कर रहा है, जिससे महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं। मंत्री ने कहा कि राज्य में अब तक 12 लाख किसानों को 6500 करोड़ रुपये की धनराशि वितरित की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि राज्य में बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि ऋण समितियों और अन्य सहकारी निकायों के लिए वित्तीय सहायता की आवश्यकता है, जो राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में मूल्य वर्धित श्रृंखला पर आधारित विकास के लिए आवश्यक है। त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए उत्तराखंड को सबसे उपयुक्त बताते हुए रावत ने कहा कि राज्य सरकार विश्वविद्यालय के लिए भूमि उपलब्ध कराने के लिए तैयार है।
उन्होंने जीवंत गांव योजना को सहकारिता के दृष्टिकोण से जोड़ने तथा सेना और सीमांत क्षेत्रों के लोगों के बीच आवश्यक वस्तुओं और सब्जियों के आदान-प्रदान की सहकारी प्रणाली विकसित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया। रावत ने कहा कि घसियारी कल्याण योजना और अन्य योजनाओं के माध्यम से ग्रामीण आजीविका को मजबूत किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सहकारिता मंत्रालय को अब एनसीडीसी के तहत राज्य को 30 प्रतिशत सब्सिडी देनी चाहिए, जो पहले कृषि मंत्रालय द्वारा दी जाती थी। बैठक में रजिस्ट्रार सहकारी समितियां मेहरबान सिंह बिष्ट और अपर रजिस्ट्रार आनंद शुक्ला भी शामिल हुए।