कांवड़ यात्रा के दौरान जहां बड़ी झांकी वाली कांवड़ आकर्षण का केंद्र बनी है वहीं, एक बुजुर्ग दंपत्ति को कांवड़ में बैठाकर ला रहे भोले भी लोगों के आकर्षण का केंद्र बने हैं। इन्हें देखकर लोग कह रहे हैं ये हैं कलियुग के श्रवण। दादा-दादी को कांवड़ में लेकर उनके 4 पोते चल रहे हैं। जो कोई इन्हें देखता है, तो साथ में फोटो लेने से नहीं चूकता।
मेरठ, मवाना हस्तिनापुर थानाक्षेत्र के गांव अकबरपुर गढ़ी प्रतापनगर निवासी सचिन अपने 3 और भाइयों के साथ बुजुर्ग दादा, दादी को पालकी में बैठाकर गंगाजल लेकर आए हैं। पोतों के एक कांधे पर 85 साल के दादा प्रेमचंद और दूसरे कांधे पर 83 साल की दादी समुंद्री हैं। दोनों कहते हैं जीवनभर इच्छा थी कि कांवड़ लेकर आएं। लेकिन ला नहीं सके, अब पोतों ने इच्छा पूरी कर दी। कहते हैं अब कोई इच्छा बाकी नहीं रही, भगवान हमारे परिवार को खुश रखें।
अकबरपुर गढ़ी प्रतापनगर निवासी सचिन कश्यप ने अपने भाई अनिल, सुनील राहुल सावन के श्रावण मास के पवित्र महीने में अपनी दादी सुमंद्री एवं दादा प्रेमचंद को दूसरी बार कांवड़ से तीर्थ कराने का संकल्प लिया। सचिन ने बताया कि वह अपने तीन भाइयों संग मिलकर दादा, दादी को कांवड़ यात्रा पर लेकर गए। हरिद्वार, हरि की पैड़ी से गंगाजल लिया।