प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को सीमा पर स्थित उत्तराखण्ड के माणा गांव में आयोजित कार्यक्रम में 3400 करोड़ रूपए से अधिक की विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इनमें गौरीकुंड-केदारनाथ और गोविंदघाट-हेमकुंड साहिब दो नई रोपवे परियोजनाओं सहित दो सड़क चौड़ीकरण परियोजनाएं – माणा से माणा पास (एनएच – 07) और जोशीमठ से मलारी (एनएच107बी) शामिल हैं।
शिलान्यास की गई परियोजनाओं का विवरण
3400 करोड़ रुपये से अधिक की रोपवे और सड़क चौड़ीकरण परियोजनाओं का प्रधानमंत्री द्वारा शिलान्यास किया गया। जिनमें गौरीकुंड-केदारनाथ और गोविंदघाट-हेमकुंड साहिब दो नई रोपवे परियोजनाओं भी शामिल थी। केदारनाथ रोपवे लगभग 9.7 किलोमीटर लंबा होगा। यह गौरीकुंड को केदारनाथ से जोड़ेगा, जिससे दोनों स्थानों के बीच यात्रा का समय वर्तमान में 6-7 घंटे से कम होकर लगभग 30 मिनट का रह जाएगा। हेमकुंड रोपवे गोविंदघाट को हेमकुंड साहिब से जोड़ेगा। यह लगभग 12.4 किलोमीटर लंबा होगा और यात्रा समय को एक दिन से कम करके केवल 45 मिनट तक सीमित कर देगा। यह रोपवे घांघरिया को भी जोड़ेगा, जो फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान का प्रवेश द्वार है। इन दोनों रोपवे को लगभग 2430 करोड़ रुपये की संचयी लागत से विकसित किया जाएगा। यह परिवहन का एक पर्यावरण अनुकूल साधन होगा, जो आवागमन को सुरक्षा और स्थिरता प्रदान करेगा। इस अहम बुनियादी ढांचे का विकास धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगा, जिससे क्षेत्र में आर्थिक विकास को रफ्तार मिलेगी और साथ ही साथ रोजगार के कई अवसर पैदा होंगे।
कार्यक्रम के दौरान करीब 1000 करोड़ रुपये की सड़क चौड़ीकरण परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया गया। दो सड़क चौड़ीकरण परियोजनाएं – माणा से माणा पास (एनएच – 07) और जोशीमठ से मलारी (एनएच107बी) तक – सीमावर्ती क्षेत्रों में हर मौसम में सड़क संपर्क प्रदान करने की दिशा में एक और कदम साबित होंगी। कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के अलावा, ये परियोजनाएं रणनीतिक दृष्टि से भी फायदेमंद साबित होंगी।