हर्बल फैक्ट्री की आड़ में नकली दवाईयां बनाने का देहरादून पुलिस ने भंडाफोड किया है। पुलिस ने मौके से भारी मात्रा में नकली दवाईयां और सीरप बरामद कर फैक्ट्री मालिक समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। अभियुक्तों द्वारा नशे की सामग्री तैयार करने में प्रतिबंधित केमिकल और साल्ट का किया इस्तेमाल किया जा रहा था।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून को सहसपुर क्षेत्र में स्थित ग्रीन हर्बल फैक्ट्री की आड़ में अवैध नशीली दवाईयो एवं सिरप बनाये जाने की गोपनीय सूचना प्राप्त हुई। जिस पर एसएसपी देहरादून द्वारा थाना सहसपुर पुलिस तथा एएनटीएफ देहरादून की संयुक्त टीम गठित कर तत्काल प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए। पुलिस टीम द्वारा औषधि/एफडीए विजिलेन्स team (drugs deptt team) देहरादून को साथ में लेकर दिनांक 05.12.2024 को लांघा रोड स्थित काया साईकिल गोदाम के पास ग्रीन हर्बल नाम की फैक्ट्री की बिल्डिंग में छापेमारी की कार्यवाही की गई।
छापेमारी के दौरान टीम द्वारा फैक्ट्री से भारी मात्रा मे अवैध रुप से तैयार की जा रही नशीली दवाइयां तथा सिरप बरामद की गई। मौके से पुलिस टीम द्वारा फैक्ट्री के मालिक संजय कुमार सहित 02 अन्य अभियुक्तो शिवकुमार तथा रहमान को गिरफ्तार किया गया, जिनसे पूछताछ के उनके द्वारा 02 अन्य अभियुक्तों ऋषभ जैन व कन्हैया लाल के भी उनके साथ अवैध नशीली दवाइयों के निर्माण में शामिल होने की जानकारी मिली, जिनकी गिरफ्तारी हेतु प्रयास किये जा रहे है।
पूछताछ में फैक्ट्री के मालिक संजय कुमार द्वारा बताया गया कि वह पूर्व में सेलाकुई क्षेत्र में एक फैक्ट्री में कार्य करता था, जिसके मालिक द्वारा उक्त फैक्ट्री में अवैध रूप से नशीली दवाइयां बनाई जाती थी, जिस कारण अभियुक्त को उक्त दवाइयों की सप्लाई तथा डिमांड की पूरी जानकारी थी। 03 वर्ष पूर्व उक्त फैक्ट्री के मालिक उस्मान को पंजाब पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद अभियुक्त द्वारा वर्ष 2023 में ग्रीन हर्बल कंपनी के नाम से फूड लाइसेंस लिया गया था, जहाँ वह फूड लाइसेन्स की आड़ में नशीली दवाइयां बनाने का काम करता था।
पुलिस के मुताबिक अभियुक्त बेहद शातिर किस्म का अपराधी है, जो डिमांड के हिसाब से उक्त दवाइयों का निर्माण कर तत्काल उन्हें आगे सप्लाई कर देता था तथा पकड़े जाने के डर से कभी भी अपने पास किसी प्रकार की नशीली दवाइयों का स्टॉक नहीं रखता था। अभियुक्त द्वारा नशे की सामग्री बनाने में प्रतिबंधित केमिकल और साल्ट का प्रयोग किया जा रहा था।