
पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत के भगीरथ प्रयास से बाण गंगा को दिव्य और भव्य स्वरूप मिलेगा। उन्होंने जो मुहिम छेड़ी है उसे अंजाम तक पहुंचाने का बीड़ा भी उठाया गया है। बाण गंगा में निर्मल जल बहे इसके लिए अब आईआईटी रूड़की और सेंट्रल यूनिवर्सिटी के सहयोग से स्थानीय जिला प्रशासन को सर्वे की जिम्मेदारी दी गई है। सर्वे का कार्य पूरा होते ही बाण गंगा पर युद्ध स्तर से कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
सोमवार को सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अधिकारियों के साथ हरिद्वार में बैठक की। उन्होंने बताया कि बाण गंगा को भव्य और दिव्य स्वरूप देने के लिए पहले रुड़की आई आई टी और सेंट्रल यूनिवर्सिटी की संयुक्त टीम से सर्वे कराया जाएगा। यह कार्य जिला प्रशासन की देखरेख में होगा। सर्वे की रिपोर्ट के बाद युद्ध स्तर पर स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा। बताया कि दो दिन पहले जब बाण गंगा को साफ करने के लिए अभियान चलाया गया तो कई प्रकार की चुनोतियों का सामना करना पड़ा। पानी में मगरच्छ भी दिखे। आसपास ऐसी घास जमी है जिसकी जडे काफी मजबूत है, इस घास को कैसे हटाए जाए इस पर भी कार्ययोजना तैयार की जाएगी। पहले दिन अभियान में भाजपा कार्यकर्ताओं केअलावा स्थानीय लेागों का अपार सहयोग मिला। उन्होंने बताया कि 1 मई से यह अभियान फिर से शुरू किया जाएगा। सर्वे के दौरान यह देखा जाएगा कि बाण गंगा के पानी की निकासी की क्या व्यवस्था हो, पानी स्वच्छ और निर्मल कैसे रहे। स्वच्छ पानी होने पर यहां पूजा अर्चना भी लोग कर सकेंगे। इस दौरान सिंचाई विभाग के एसडीओ भारत भूषण, एसडीओ पूनम कैंथोल, सुनील बलोनी, डीएमओ मो कासिज रजा, डीआरओ मुनेश कुमार आदि अधिकारी मौजूद रहे।