
मानव शरीर में किडनी एक आवश्यक अंग है इसके बिना शरीर केवल रोगों का घर है और मानव जीवन व्यर्थ है। सहमारी किडनियां शरीर के सबसे नाजुक और महत्वपूर्ण भीतरी अंग हैं।
अक्सर हम सोचते हैं कि ज्यादा शराब पीने वालों की ही किडनी खराब होती है। ऐसा नहीं है। किडनी में गड़बड़ी के और भी बहुत से कारण हो सकते हैं।
किडनी हमारे शरीर के लिए बहुत से जरुरी काम खामोशी से करती रहती हैं। इसलिए इन्हें बहुत सुरक्षित रखना चाहिए और ऐसा कुछ भी नहीं करना चाहिए जिससे इन्हें नुकसान पहुंचता हो।
अक्सर किडनी को पहुंचने वाला नुकसान या इसकी काम करने की क्षमता में कमी आने का पता बहुत देर से चलता है, क्योंकि किडनियां अपनी कैपेसिटी के 20 प्रतिशत लेवल तक पहुंचने पर भी अपना काम बखूबी करती रहती हैं।
इससे पहले कि किडनियों को हुआ नुकसान हद से बाहर हो जाए, हमें किडनी की सेहत बनाये रखने के लिए जरूरी कदम उठाने चाहिए।
किडनी के कार्य
किडनी हमारे खून को फिल्टर करती हैं। शरीर में हारमोन बनाती हैं। भोजन से जरूरी मिनरल्स को सोखती हैं। हमारा पेशाब बनाती है। किडनी जहरीले तत्वों को शरीर से बाहर निकालती हैं। शरीर के एसिड लेवल को कंट्रोल करती हैं
किडनी की बीमारी के लक्षण
पेशाब कम होना, अतिरिक्त थकान, पेशाब में खून आना या झाग आना, भूख कम लगना, चिडचिडापन, एकाग्रता में कमी, एनीमिया, कमजोरी, सांस लेने में दिक्कत होना, मतली और उलटी होना, सीने में दर्द, हाथ-पैर, टखने, चेहरे में सूजन आना, पीठ में दर्द आदि।
किडनी की बीमारी के कारण और परहेज
1ः- सही मात्रा में पानी नहीं पीनाः- जैसा कि आपको मालूम है किडनियों का सबसे जरूरी काम ठसववक को फिल्टर करके उसमें से वेस्ट मैटेरियल को पेशाब के रास्ते बाहर निकालना है।
इसलिए जब हम पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीते हैं तो वेस्ट मैटेरियल और टॉक्सिन्स का शरीर में जमाव बढ़ता जाता है और इससे शरीर को नुकसान पहुंच सकता है।
2ः- भोजन में ज्यादा नमक खानाः- शरीर को काम करते रहने के लिए सोडियम या नमक की जरूरत होती है। बहुत से लोग भोजन में नमक अधिक मात्रा में लेते हैं या दिन भर स्नैक्स खाते रहते हैं। इससे ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है और किडनी पर काम का दबाव बढ़ जाता है। दिन भर में कुल मिलाकर 5 ग्राम से अधिक नमक का सेवन शरीर को अनेक मुसीबतों में डाल सकता है।
3ः- चीनी अधिक लेना
साइंटिफिक रिसर्च में पता चला है कि दिन में 2 या 3 से अधिक मीठे ड्रिंक्स लेने से पेशाब में प्रोटीन जाने की संभावना बढ़ जाती है। पेशाब में प्रोटीन जाना किडनियों की सेहत के लिए बुरा संकेत है, इसीलिए नमक की ही तरह ैनहंत को भी संतुलित मात्रा में ही लेना चाहिए।
4ः- पेशाब को रोकना
हम लोग कई बार किसी मजबूरी के कारण या अपने कामकाज में अटके रहने के कारण पेशाब करना टालने लगते हैं। ऐसे बार-बार पेशाब रोकने से न्तपदंतल ैलेजमउ में प्रेशर बढ़ने लगता है। इससे किडनी में स्टोन होने से लेकर किडनी के फेल होने तक के कॉम्प्लीकेशन हो सकते हैं। इसीलिए पेशाब को रोकना किसी भी तरह से समझदारी नहीं है।
5ः- शरीर में विटामिन और मिनरल्स की कमी होना
हमारे शरीर और किडनी को स्वस्थ्य रखने के लिए साफ और संतुलित पोषक भोजन लेना चाहिए, जिसमें ताजा सब्जियों और फलों जरुर हों। न्यूट्रीशन की कमियों के कारण किडनियों में पथरी बन सकती हैं या उनकी किडनी की सेहत में गिरावट आ सकती है। ऐसे में विटामिन बी6 और मैग्नीशियम तत्व किडनी में स्टोन के खतरे को कम करने के लिए बहुत मददगार होते हैं।
6ः- एनिमल प्रोटीन अधिक मात्रा में लेना
प्रोटीन खासकर लाल मांस ज्यादा खाने से किडनियों पर मेटाबोलिक प्रेशर बनने लगता है।
भोजन में जरुरत से ज्यादा च्तवजमपद लेने से किडनियों को अधिक काम करना पड़ता है और इससे उनकी काम करने की क्षमता गड़बड़ा सकती है या उन्हें नुकसान भी पहुंच सकता है।
7ः- कम सोना
सभी जानते हैं कि रात को भरपूर नींद लेना कितना जरूरी है। लंबे समय से कम सोने की आदत कई प्रकार के रोगों को जन्म दे सकती है और इस लिस्ट में किडनी से जुड़े रोग भी होते हैं।
रात को नींद के दौरान हमारा शरीर किडनी के टिशूज में आई गड़बडि़यों को रिपेयर करता है। अपनी नींद को नजरअंदाज नहीं कीजिए और किडनियों को सेल्फ-रिपेयर करने का मौका दीजिए।
8ः- कॉफी अधिक पीना
नमक की ही तरह ब्ंििमपदम भी ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकता है और इससे किडनियों पर प्रेशर पड़ता है। कॉफी का हद से ज्यादा सेवन किडनियों को नुकसान पहुंचा सकता है।
9ः- पेनकिलर्स का दुरुपयोग
बहुत से लोग मामूली दर्द या तकलीफ में बार-बार पेनकिलर्स लेने लगते हैं, जबकि थोड़े से आराम और प्राकृतिक उपायों से दर्द को कण्ट्रोल किया जा सकता है। पैरासिटामोल और डिक्लोफीनेक जैसी दवाईयांे को अपनी मनमर्जी से बिना किसी डॉक्टरी सलाह के लेने से किडनी को गंभीर नुक्सान पहुंच सकते हैं।
10ः- ज्यादा शराब पीना
कभी-कभार मन बहलाने के लिए एक-दो पैग शराब या बीयर पीना अब कल्चर बनता जा रहा है और इसे बुरा नहीं माना जाता। लेकिन सभी को ये मालूम होना चाहिए कि कितने ड्रिंक्स के बाद रूकना जरूरी है। एल्कोहल वास्तव में एक केमिकल और टॉक्सिन ही है और इसे बेहिसाब पीने से ज्ञपकदमल और लिवर दोनों को ही गंभीर नुकसान पहुंचता है। इसलिये किडनी के टिशूज को हेल्दी बनाए रखने के लिए नेचुरल फूड जैसे सब्जियां, फल आदि का ज्यादा से ज्यादा खाएं।