
ज्वालापुर के अहबाब नगर में नकली आयुर्वेदिक दवाओं के निर्माण के खिलाफ डॉ स्वास्तिक जैन, जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी, हरिद्वार ने बड़ी कार्रवाई की। शरीफी हर्बल कंपनी की शिकायत के आधार पर यह कार्रवाई की गई, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उनकी कंपनी के नाम से ज्वालापुर में बिना लाइसेंस के अवैध रूप से आयुर्वेदिक दवाएं बनाई जा रही हैं।
इसके बाद आयुर्वेदिक विभाग ने त्वरित कार्यवाही करते हुए जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ. स्वास्तिक सुरेश के नेतृत्व में एक टीम, जिसमें डॉ. अश्वनी कौशिक (प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय निरंजनपुर) और कर्मचारी राम मूरत शामिल थे, ने पुलिस के साथ मिलकर अभाव नगर, ज्वालापुर में छापेमारी की। मौके पर एक व्यक्ति मिला
टीम ने परिसर में प्रवेश कर पाया कि वहां भारी मात्रा में नकली आयुर्वेदिक दवाएं, जिनमें ‘हवा फौलादी एम’ और ‘हवा फौलादी एफ’ के डब्बे, पैकिंग सामग्री, गैस सिलेंडर, और खाली प्लास्टिक के डब्बे मौजूद थे। वहाँ मौजूद व्यक्ति से दवा निर्माण का लाइसेंस मांगा गया, लेकिन वह कोई वैध लाइसेंस प्रस्तुत नहीं कर सका और स्वीकार किया कि वह बिना लाइसेंस के दवाएं बना रहा था। यह कृत्य ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट की धारा 33EC का उल्लंघन है और मिसब्रांडिंग की श्रेणी में आता है।टीम ने फॉर्म-15 के तहत सीजर मेमो तैयार कर सभी दवाओं को जब्त किया और धारा 22 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की।
आयुर्वेदिक विभाग ने हरिद्वार ने नकली आयुर्वेदिक दवा बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस छापेमारी के दौरान बड़ी मात्रा में नकली दवाएं, पैकेजिंग के रैपर और अन्य निर्माण सामग्री जब्त की गई। यह ऑपरेशन पुलिस ने आयुर्वेदिक विभाग के सहयोग से एक सूचना के आधार पर किया था।
अवैध गतिविधि का खुलासा हुआ
डॉ स्वास्तिक जैन के अनुसार के अनुसार, कुछ आयुर्वेदिक दवाओं की नकली प्रतियां बनाकर बाजार में बिक रही थीं । इससे न केवल उपभोक्ताओं को धोखा दिया जा रहा था, बल्कि उनकी सेहत को भी खतरा पैदा हो सकता था। मामले की पूरी जांच अभी जारी है।
आयुर्वेदिक विभाग की चेतावनी
जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी ने बताया कि यह अवैध गतिविधि जनस्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है और ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने और सुसंगत धाराओं में कार्रवाई करने हेतु अनुरोध दिया गया है।