विद्यालयी शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित अशासकीय विद्यालयों के राजकीयकरण को लेकर राज्य सरकार पूरी तरह से तैयार है। राजकीयकरण को लेकर किसी भी विद्यालय प्रबंधन समिति के प्रस्ताव प्राप्त होने पर सरकार त्वरित कार्रवाही करेगी। इन विद्यालयों में लम्बे समय से रिक्त चल रहे शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक पदों को आयोग के माध्यम से ही भरा जायेगा, इसके लिये विभागीय अधिकारियों को पूर्व में ही निर्देश दे दिये गये हैं।
सूबे के शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज अपने शासकीय आवास पर विद्यालयी शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ली। जिसमें उन्होंने प्रदेशभर के आशासकीय विद्यालयों में लम्बे समय से रिक्त पदों को राज्य सरकार के किसी संस्था अथवा आयोग से भरने के निर्देश अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि पिछले कई वर्षों से अशासकीय विद्यालयों में रिक्त पदों के सापेक्ष की जाने वाली भर्तियों में अनियमितता व भाई-भतीजावाद की शिकायतें मिलती रही है। जिसके मध्यनजर राज्य सरकार ने रिक्त पदों को भरने के लिये एक ठोस नीति बनाने के निर्देश पूर्व में ही विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये हैं ताकि सभी भर्तियों को पारदर्शिता के साथ किया जा सके। उन्होंने कहा कि यदि अशासकीय विद्यालयों की प्रबंधन समिति अपने विद्यालय का राजकीयकरण का प्रस्ताव उपलब्ध कराती है तो सरकार ऐसे विद्यालयों का राजकीयकरण करने के लिये तैयार है।
विभागीय समीक्षा बैठक में राज्यभर में संचालित अटल उत्कृष्ट विद्यालयों, राजीव गांधी नवोदय विद्यालयों, मॉडल विद्यालयों, कस्तूरब गांधी आवासीय विद्यालयों व नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय छात्रावासों के बेहतर संचालन एवं प्रबंधन को लेकर विस्तृत चर्चा की। जिसमें विभागीय मंत्री डा. रावत ने बैठक में वुर्चअल माध्यम से प्रतिभाग कर रहे विभिन्न जनपदों के शिक्षा अधिकारियों एवं खंड शिक्षा अधिकारियों से बिन्दुवार जानकारी हासिल की तथा सुझाव भी मांगे। विशेषकर प्रदेशभर में संचालित मॉडल प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पदों को भरे जाने के संबंध में भी चर्चा की गई। जिसमें निर्णय लिया गया कि फिलहाल उक्त विद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पदों के सापेक्ष अस्थाई व्यवस्था की जायेगी। जिसके लिये सभी जिला स्तरीय अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर दिशा-निर्देश जारी कर दिये जायेंगे।
डॉ. रावत ने अन्य सभी श्रेणी के आवासीय विद्यालयों में रिक्त पदों को भरे जाने की प्रक्रिया शुरू करने के साथ ही वार्डन की तैनाती सुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों को दिये, साथ ही यहां अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को बेहतर सुविधाएं मुहैया करने को भी कहा। उन्होने सभी जिला स्तरीय अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर अपने-अपने जनपदों में सचालित विद्यालयों में उपलब्ध मूलभूत सुविधाओं बिजली, पानी, शौचालय, फर्नीचर, कक्षा-कक्ष एवं भवनों तथा भूमि की उपलब्धता संबंधी आंकडे तैयार कर अगली बैठक में प्रस्तुत करने को कहा।
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