
जनता दर्शन में उठाई गई गुहार का असर — नामी स्कूल ‘इडिफाई वर्ल्ड’ को झुकना पड़ा दो दिन में
देहरादून
जनता दर्शन में उठाई गई एक शिक्षिका की व्यथा अब जनपक्षीय कार्रवाई की मिसाल बन गई है। जिले के प्रतिष्ठित इडिफाई वर्ल्ड स्कूल द्वारा वेतन और सुरक्षा राशि रोके जाने के मामले में जिलाधिकारी सविन बंसल के हस्तक्षेप के बाद दो दिनों के भीतर ही स्कूल प्रबंधन को झुकना पड़ा।
निजी स्कूल में शिक्षण कार्य करने वाली कनिका मदान ने 13 अक्टूबर को कलेक्ट्रेट में आयोजित जनता दर्शन में फरियाद की थी कि वह इडिफाई वर्ल्ड स्कूल, मोथोरोवाला में कार्यरत थीं, परंतु स्कूल ने मार्च और जुलाई माह का वेतन तथा सुरक्षा राशि रोक रखी है और अनुभव प्रमाण पत्र देने से भी इनकार कर रहा है।
मुख्य शिक्षा अधिकारी को दिए गए तत्काल जांच निर्देश
शिकायत पर जिलाधिकारी सविन बंसल ने तत्काल मुख्य शिक्षा अधिकारी (C.E.O.) को वस्तुस्थिति की जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी के सख्त रुख और तत्परता के चलते मामला तुरंत आगे बढ़ा।
दो दिन में ‘घुटनों के बल’ आया स्कूल प्रबन्धन
डीएम सविन बंसल के हस्तक्षेप के बाद स्कूल प्रबन्धन ने दो दिन के भीतर ही शिक्षिका कनिका मदान को 78,966/- की धनराशि (वेतन एवं सुरक्षा राशि) का चेक सौंप दिया और साथ ही अनुभव प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया।
यह त्वरित कार्रवाई जिला प्रशासन की संवेदनशीलता और जनसुनवाई की प्रभावशीलता का प्रमाण है।
‘जनहित के निर्णयों के लिए चर्चित हैं डीएम सविन बंसल’
डीएम सविन बंसल असहाय, व्यथित और शोषित वर्ग के हितार्थ अपने दृढ़ और निर्णायक फैसलों के लिए जाने जाते हैं। उनकी कार्यशैली से न केवल पीड़ितों को राहत मिल रही है बल्कि शोषण करने वाले संस्थानों में भी भय का वातावरण बना है।
निरंतर बढ़ रहा है जनता का विश्वास
डीएम कार्यालय में रोजाना 40–50 फरियादी अपनी समस्याओं के समाधान हेतु पहुंच रहे हैं। प्रत्येक प्रकरण में समयबद्ध समाधान से जनता में प्रशासन के प्रति विश्वास और भरोसा बढ़ा है। स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार जैसे जनहित के क्षेत्रों में जिला प्रशासन द्वारा निरंतर ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।