
कहावत है कि बच्चे भगवान्क का रूप होते हैं। बच्चों का मन निश्छल होता है और उनका मन उन्ही लोगों के साथ खुश होता है जो अच्छे व्यक्तित्व के होते है मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की बच्चों के साथ केमिस्ट्री देखने लायक होती है। धामी अंकल के साथ बच्चे चहक उठते हैं। धामी खुद भी बच्चों के बीच पूरी तरह घुलमिल जाते हैं।
जब भी वे बच्चों के आस पहुँचते हैं एक अलग ख़ुशी दिखती है। उनकी चेहरे पर स्वाभाविक हंसी और मुस्कान सबको आकर्षित करती है। मुख्यमंत्री धामी भी बच्चों में घुलने मिलने और उनसे बातें करने का कोई अवसर नहीं गंवाते। धामी की सहजता, सरलता और हंसमुख चेहरा उन्हें बच्चों में लोकप्रिय बना रहा है।धामी के चेहरे की स्वाभाविक मुस्कान के तो प्रधानमंत्री मोदी भी कायल हैं। माणा गांव में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को यह कहकर संबोधित किया था कि “जिनके चेहरे पर स्मित (मुस्कान) रहता है।”
मुख्यमंत्री धामी का बच्चों के साथ संवाद एक तरफा नहीं होता है। जितना धामी बातचीत करते हैं उससे ज्यादा बच्चे अपने धामी अंकल को अपनी बात बताते हैं।