हरिद्वार। किसानों ने धान की फसल को काटकर खेतों को गेहूं की फैसल बोनें के लिए तैयार कर लिया है। कहीं-कहीं तो किसानों ने क्योंकि फसल को बोलना भी शुरू कर दिया है।ज्यादातर किसान गेहूं के बीज का इंतज़ार कर रहे हैं और बीज के लिए सहकारी समितियों के चक्कर लगा रहे हैं, किन्तु बहुउद्देशीय सहकारी किसान सेवा समिति पर गेहूं का बीज उपलब्ध नहीं है। जबकि कृषि विभाग की ओर से गेहूं के बीज पर किसानों को 50% सब्सिडी दी जा रही है।
सहकारी समितियां किसानों के लिए बीज उपलब्ध कराने में असमर्थ दिखाई दे रही हैं उनका कहना है कि कृषि विभाग ने 2018-19 और 2021-22 गेहूं का अनुदान का पैसा अभी तक समितियां को नहीं दिया है और ना ही उनके पास गेहूं का बीज खरीदने के लिए पैसा है पिछले 2 वर्ष से लक्सर की समितियां को कृषि विभाग में गेहूं का बीज उपलब्ध नहीं कराया है। लक्सर में आठ बहुउद्देशीय सहकारी समितियां है।
वहीं कृषि विभाग के अपर निदेशक खजान सिंह पाठक का कहना है कि गेहूं,सरसों और मसूर का बीज कृषि केन्द्रों पर उपलब्ध करा दिया गया है जिसमें विभाग की ओर से 50% की सब्सिडी किसानों को दी जा रही है।
जानकारी के मुताबिक लक्सर ब्लॉक में आठ बहुउद्देशीय सहकारी किसान सेवा समिति है। हर वर्ष कृषि विभाग द्वारा सहकारी समितियां को गेहूं का बीज उपलब्ध कराया जाता था जो 15 नवंबर तक सभी समितियां पर पहुंच जाता था लेकिन पिछले 2 वर्षों से बहुउद्देशीय सहकारी समितियां ने कृषि विभाग से गेहूं का बीज खरीदने से इनकार कर दिया है। समितियां का कहना है कि कृषि विभाग द्वारा पिछले सत्र 2018-19 व 2021-22 का अनुदान राशि समिति को नहीं दिया है। समितियां के ऊपर बैंक का ब्याज का बोझ बढ़ता जा रहा है। वहीं गेहूं का बीज सहकारी समितियां पर नहीं आने से किसान परेशान है। वह बीज के लिए समितियां के चक्कर काट रहे हैं।
किसान रोहतास, सेवाराम, चंद्रपाल, बिरजू, पवन सैनी, मनोज, दीपक, पप्पू, बिरम सिंह, राजकुमार, सरदार करण सिंह, संजय, वेदपाल आदि किसानों का कहना है कि समितियों पर गेहूं का बीज उपलब्ध नहीं होने से उन्हें दुकानों से महंगे दामों में गेहूं का बीज खरीदना पड़ रहा है जबकि गेहूं की बुवाई शुरू हो गई है।
वही लक्सर सहकारी समिति के एडीओ सोनू चोपड़ा का कहना है कि कृषि विभाग द्वारा समितियों का सत्र 2018-19 और 2021-22 का अनुदान राशि अभी तक उपलब्ध नहीं कराई गई है। लक्सर ब्लॉक में आठ बहुउद्देशीय सहकारी समितियां हैं। उनका कहना है कि विभाग द्वारा समय पर किसी भी फसल का बीज उपलब्ध नहीं कराया जाता है, जबकि गेहूं की फसल का बीज 15 अक्टूबर से पहले समितियां पर पहुंच जाना चाहिए। विभाग द्वारा समितियां को 15 नवंबर के बाद बीज उपलब्ध कराया जाता है जो किसान खरीद नहीं पाता है। और किसान बीज बाहर से खरीद लेता है।
उन्होंने बताया दाबकी बहुउद्देशीय सहकारी किसान सेवा समिति का अनुदान का 240000 अभी भी विभाग के पास है जो अभी तक उसका भुगतान नहीं कराया गया है। इसी तरह से सभी समितियां की अनुदान राशि विभाग के पास पड़ी हुई है जो आज तक रिलीज नहीं हुई है,इसलिए लक्सर ब्लॉक की कोई भी समिति गेहूं का बीज उपलब्ध कराने में असमर्थ है।
सहकारी समिति के जिला सहायक निबंधक पुष्कर सिंह पोखरिया ने बताया कि कृषि विभाग पर समितियां का पिछले 4 साल का भुगतान बकाया है। इसके अलावा कृषि विभाग की ओर से समितियां को गेहूं का बीज देर से उपलब्ध कराया जाता था। जिससे सहकारी समितियां की छवि खराब हो रही थी इसलिए इस बार समितियां में गेहूं नहीं भेजा जा रहा है। और कृषि विभाग अपने केन्द्रो से ही गेहूं की बिक्री कर रहा है।