
अपहरण की झूठी कहानी रचने पर पुलिस ने किया युवक का चालान
युवक की गुमशुदगी का खुलासा करते हुए नगर कोतवाली पुलिस ने उसे सकुशल बरामद कर लिया। दोस्तों के उधार दिए गए पैसे वापस मांगने पर युवक ने स्वयं ही अपने अपहरण की कहानी रची थी। अपहरण की झूठी कहानी गढ़ने पर कार्यवाही करते हुए पुलिस ने उसका चालान कर दिया है। 1 अप्रैल को युवक के ससुर गंगोह निवासी रवि कश्यप ने उसकी गुमशुदगी दर्ज करायी थी। पुलिस को दी तहरीर में रवि कश्यप ने बताया था कि रानीपुर मोड़ के पास भगत चाट भण्डार के नाम से दुकान चलाने वाला उनका दामाद अजीत कश्यप पुत्र राकेश कुमार निवासी देवबन्द जिला सहारनपुर दुकान से घर के लिए निकला था।
लेकिन घर नहीं पहुंचा। गुमशुदगी दर्ज करने के बाद पुलिस ने अजीत की तलाश के लिए पांच टीमों का गठन किया। जांच पड़ताल में जुटी पुलिस ने रानीपुर मोड़ से थाना क्षेत्र के व थाना क्षेत्र से बाहर के रोडवेज बस अड्डा, रेलवे स्टेशन, टैक्सी स्टैंण्ड, भूपतवाला, कोर इंजीनियंरिग कालेज रुडकी, बहादराबाद, चण्डीघाट से ऋषिेकेश तक 150 से अधिक सीसीटीवी कैमरे चैक किए और सर्विलांस की मदद ली। पुलिस को अजीत के रूड़की में अपनी बाइक खड़ी कर बस से ऋषिकेश के लिए रवाना होने की सीसीटीवी फुटेज मिली तो पुलिस ने उसे ऋषिकेश से सकुशल बरामद कर लिया। पूछताछ में अजीत ने बताया कि उसे देवबंद के कुछ लोगों के पैसे देने थे।
जिस पर उसने अपने गायब होने की झूठी कहानी गढ़ी और रुड़की कोर कालेज के पास खाली प्लॉट में बाइक खड़ी कर अपने दोस्त को फोन कर कुछ लोगों के उसके पीछे पड़े होने की बात कही और मोबाइल से सिम निकाल कर फेंक दिया। उसके बाद वह बस से ऋषिकेश पहुंचा और नींद की गोली खाकर ख़ुद के ज़हर खुरानी गिरोह का शिकार होने का ड्रामा किया। पुलिस ने उसके क़ब्ज़े से हरिद्वार से ऋषिकेश की बस टिकट बरामद करते हुए उसका 83 पुलिस एक्ट में चालान कर दिया। पुलिस टीम में कोतवाली प्रभारी रितेश शाह, एसएसआई विरेन्द्रचन्द्र रमोला, एसआई सुनील दत्त पंत, हेडकांस्टेबल सतीश नौटियाल, कांस्टेबल निर्मल रांगड़, सुनील चौहान व अनिल शामिल रहे।