
देशभर में होली की तैयारी शुरू हो गई हैं। होली से ठीक आठ दिन पहले यानि 7 मार्च को होलाष्टक शुरू हो गए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार होलाष्टक के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता। पंचाग के अनुसार इस बार होलिका दहन 13 मार्च को होगा फॉग यानि रंगों का त्योहार 14 मार्च को मनाया जाएगा। होलाष्टक में शुभ व मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं। इस साल होलाष्टक 7 मार्च से शुरू हो रहे हैं। होलाष्टक के दौरान शादी—विवाह, सगाई, मुंडन, गृह प्रवेश, बच्चे का नामकरण आदि जैसे मांगलिक और शुभ कार्यों को करने से बचना चाहिए। होलाष्टक में घर का निर्माण या गृह प्रवेश नहीं किया जाता है। कोई नया बिजनेस या निवेश भी नहीं करना चाहिए। इन दिनों नया वाहन खरीदना भी वर्जित माना गया है। ऐसा माना जाता है कि इस दौरान दिया गया आशीर्वाद भी व्यर्थ हो जाता है। होलाष्टक की शुरुआत हर साल फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, होलाष्टक के आठ दिनों में आठ ग्रह उग्र हो जाते है। इसलिए इस समय में किसी भी शुभ काम की मनाही होती है। इसीलिए कहा जाता है होलाष्टक के समय में शुरू किए गए किसी भी कार्य का अच्छा फल नहीं मिलता है।
होलाष्टक को लेकर कई धार्मिक मान्यताएं
तीर्थ पुरोहित उज्जवल पंड़ित का कहना है कि होलाष्टक के विषय में कई धार्मिक मान्यताएं है। ऐसी मान्यता है कि होलाष्टक की शुरुआत वाले दिन ही शिवजी ने कामदेव को भस्म कर दिया था। इस काल में हर दिन अलग-अलग ग्रह उग्र रूप में होते हैं। इसलिए होलाष्टक में शुभ कार्य नहीं करते हैं लेकिन जन्म और मृत्यु के बाद किए जाने वाले कार्य इसमें किए जा सकते हैं। इस बार होली पर भद्रा का भी साया माना जा रहा है।
कब है मनाई जाएगी होली
ज्योतिष आचार्य राहुल अग्रवाल ने बताया कि वैदिक पंचांग के अनुसार होलिका दहन पूर्णिमा को किया जाता है। इस साल होलिका दहन 13 मार्च की रात्रि में किया जाएगा। फाल्गुन शुल्क पक्ष पूर्णिमा तिथि 13 मार्च को सुबह 10 बजकर 35 मिनट से शुरू होकर 14 मार्च को दोपहर 12 बजकर 24 मिनट तक रहेगी। ऐसे में 13 मार्च को होलिका दहन होगा और 14 मार्च को रंगों का पर्व होली देशभर में मनायी जाएगी।