गौला पुल की एप्रोच रोड के स्थायी समाधान के लिए बुधवार को आईआईटी रुड़की की टीम ने निरीक्षण किया। टीम ने काठगोदाम से बनभूलपुरा तक गौला नदी के बहाव की जानकारी ली। टीम की रिपोर्ट के आधार पर पुल को बचाने के कार्य होंगे।
एनएचएआई ने साल 2021 में साढ़े नौ करोड़ से फिर एप्रोच रोड बनाई थी। पर यह कार्य भी बीते शुक्रवार रात की आपदा में बह गया। एनएचएआई अब समस्या का स्थायी समाधान खोज रही है। बुधवार को आईआईटी रुड़की की टीम और एनएचएआई के अधिकारियों ने संयुक्त रूप से गौला नदी का निरीक्षण किया। आईआईटी टीम ने एनएचएआई को रेलवे स्टेशन से लेकर डाउन स्ट्रीम में पुल के बाद करीब 200 मीटर तक सर्वे कराने के लिए कहा। इसके साथ ही टीम ने गौला नदी के बहाव, कटाव, क्षेत्रफल आदि बारीकियां जानीं।
अब आईआईटी टीम इस पर एक रिपोर्ट तैयार करेगी। रिपोर्ट आने के बाद एनएचएआई के अधिकारी अपनी कार्ययोजना बनाएंगे। फिलहाल पांच पोकलेन गौला नदी को चैनलाइज करने का कार्य कर रही हैं। नदी का बहाव स्टेडियम की तरफ करने के बाद एनएचएआई ने मैपिंग का कार्य भी शुरू कर दिया है।
पुल के पास बन सकती है रिटर्निंग वॉल
विशेषज्ञों की टीम ने चर्चा करते हुए कहा कि पुल को बचाने के लिए रिटर्निंग वॉल बनानी पड़ेगी। नदी में बहाव तेज होने से किनारों पर भू-कटाव की संभावना कम हो जाएगी। इससे नदी का बहाव सीधी दिशा में रहेगा। गौलापुल से सटी चोरगलिया रोड का निरीक्षण करने पंतनगर विवि की टीम बुधवार को आनी थी लेकिन किन्हीं कारणों से टीम बुधवार को नहीं पहुंच सकी। अब टीम बृहस्पतिवार को चोरगलिया सड़क का निरीक्षण करेगी।