
सरकार ने बच्चों के कंधों से भारी-भरकम बैग का बोझ कम करने का लिया फैसला,
आगामी शैक्षणिक सत्र 2023-24 में पहली और दूसरी कक्षा के विद्यार्थियों के स्कूल बैग में सिर्फ गणित और भाषा की होगी किताबें ,
साथ ही अब दो विषयों में फेल विद्यार्थियों को मिलेगा अंक सुधार परीक्षा का मौका।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सिफारिशों के तहत 3 से 8 साल की उम्र तक के विद्यार्थियों का मूल्यांकन पारंपरिक परीक्षा के माध्यम से नहीं होगा,
दूसरी कक्षा तक के छात्रों को अब मातृभाषा में पढ़ने का मौका भी मिलेगा,
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और परीक्षण परिषद के विशेषज्ञों ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत पहली और दूसरी कक्षा के पाठ्यक्रम किया तैयार,
शिक्षा मंत्रालय जल्द पाठ्यक्रम जारी करेगा,
रट्टा लगाने के बजाय दूसरी तक के बच्चों का मूल्यांकन खेलकूद, वीडियो, म्यूजिक, कहानी बोलने, लिखने, व्यवहारिक ज्ञान पर आधारित होगा,
अभी तक तक राज्य में 82 प्रतिशत विद्यार्थी पास होते थे, इस बार 90 प्रतिशत का लक्ष्य रखा गया है।