प्रसव के बाद किये जाने वाले मुख्य योगासन
सी-सेक्शन के बाद व्यायाम करने के होते हैं काफी लाभ
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2024 का विषय श्महिला सशक्तिकरण के लिए योगश् है, जो महिलाओं के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ाने पर केंद्रित है।. योग न सिर्फ किशोरावस्था में बल्कि उम्र के हर पड़ाव में मददगार साबित हो रहा है. महिलाओं की शारीरिक संरचना, उनके रोग और तकलीफें पुरुषों से अलग होती हैं. ऐसे में महिलाओं के लिए कुछ चुनिंदा आसन हैं, जिसे आसानी से तकिये या फिर दीवार के सहारे से घर में किया जा सकता है।
बच्चे को जन्म देना हर माँ के लिए बहुत ही खुशी का पल होता है इसलिए जब लेडी प्रेग्नेंट होती है तो उसे अपने बढे हुए वजन को लेकर कोई परेशानी नहीं होती है प्रसव के बाद आए बदलावों के कारण नयी माँ के वजन का बढ़ना बहुत ही सामान्य बात है। यह बदलाव दवाइयों और इंजेक्शन आदि से ठीक नहीं होते लेकिन योग से यह समस्या आसानी से कम हो सकती है।
डाॅ0 सुजाता संजय, स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ, संजय आॅर्थेापीडिक, स्पाइन एवं मैटरनिटी सेंटर ने बताया कि डिलीवरी चाहे नॉर्मल हो या सी सेक्शन दोनों ही सूरतों में योग एकदम शुरू नहीं करना चाहिए बल्कि कुछ हफ्तों के बाद जब घाव और टांके पूरी तरह से ठीक हो जाएँ उसके बाद ही विचार करना बेहतर है। लेकिन हां इसके फायदे कई हैं। योग से प्रसव के बाद कमजोर हुआ शरीर तो मजबूत बनता ही है साथ ही इससे तनाव से भी मुक्ति मिलती है। प्रेगनेंसी के दौरान जो भी शारीरिक और मानसिक समस्याएं पैदा होती हैं!
सामान्य तौर पर एक महिला नॉर्मल डिलीवरी के लगभग 4 से 6 महीने के बाद योग करना शुरू कर सकती है। परंतु सी-सेक्शन के बाद योग कब शुरू करना चाहिए इस बारे में आपको डॉक्टर से सलाह लेने की आवश्यकता है। डॉक्टर पहले चेक करेंगे और उसके बाद ही वे आपको एक्सरसाइज करने के कुछ टिप्स और गाइडेंस दे सकते हैं। यदि डॉक्टर कहते हैं कि आप एक्सरसाइज कर सकती हैं तो आपको सरल आसन से योग करना शुरू कर देना चाहिए और फिर धीरे-धीरे अपने इस रूटीन को थोड़ा कठिन करती रहें।
डाॅ0 सुजाता संजय ने बताया कि सी-सेक्शन के बाद योग करने से आपकी मांसपेशियां एक्टिव व मजबूत होती हैं और आपकी पूरी तरह से रिकवरी होने में मदद मिलती है। कमजोर व ढीली मांसपेशियां और लिगामेंट्स एक बार फिर से टाइट व ऑर्डर में आ जाते हैं और यह आपको चिंता-मुक्त रखने में मदद करता है। योग से आप ज्यादा देर तक ध्यान व फोकस रह सकती हैं। यह आपके मस्तिष्क, शरीर और आत्मा को शांति प्रदान करता है।
डाॅ0 सुजाता ने बताया कि सिजेरियन सेक्शन से डिलीवरी के बाद सामान्य स्थिति में आने में वक्त लगता है। एक अनुमान के मुताबिक डिलीवरी के बाद महिला को नॉर्मल होने में लगभग 18 महीने लग जाते हैं। क्योंकि इस दौरान महिला अपने स्वास्थ्य से ज्यादा अपने बच्चे पर ध्यान देती है।जब भी आप योग करें तो हमेशा आपको पहले बेसिक स्ट्रेचिंग और ब्रीथिंग एक्सरसाइज करने से शुरू करना चाहिए। इस दौरान आप बहुत ज्यादा एक्सरसाइज व स्ट्रेचिंग न करें और आप उतना ही करें जितनी आपकी शारीरिक क्षमता हो। लेकिन, कुछ समय बाद आप व्यायाम कर सकती हैं।
महिलाओं को नियमित तौर पर तीन योगासनों का अभ्यास करना चाहिए। ये योग स्त्रियों की शारीरिक और मानसिक सेहत को बेहतर बनाता है और कई रोगों से बचाव करता है। ये रहे महिलाओं के लिए जरूरी और फायदेमंद योगासन।
बालासन
इस योग के अभ्यास से मन मस्तिष्क शांत रहता है। हार्मोनल बदलाव के दौरान मानसिक स्थिति में स्थिरता रहती है। बालासन के अभ्यास से पूरे शरीर की स्ट्रेचिंग होती है। दर्द में आराम महसूस होता है, साथ ही स्ट्रेस को दूर करने में मदद मिलती है।
ब्रिज पोज -सेतुबंधासन
ब्रिज पोज का अभ्यास भी महिलाओं के लिए लाभकारी है। इस आसन से पेल्विक और कोर मजबूत होते हैं। अनियमित पीरियड आने में असरदार होता है। वही सभी ज़रूरी अंगों में प्राण शक्ति का संचार करता है। शरीर के निचले हिस्से को मजबूत बनाने के साथ ही कमर और हिप्स के दर्द में आराम मिलता है।
भुजंगासन
बढ़ती उम्र की महिलाओं के लिए भुजंगासन का अभ्यास लाभकारी होता है। इस आसन के अभ्यास से शरीर के ऊपरी हिस्से में खिंचाव आता है और चेहरे पर चमक भी आती है।
हालांकि किसी भी तरह के व्यायाम से पहले किसी विशेषज्ञ से सलाह लेना जरूरी है।