
भल्ला इंटर कॉलेज कॉलेज प्रकरण को लेकर बेटी बचाओ, बेटी बढाओं की ब्रांड एम्बेसडर डॉ. मनु शिवपुरी ने कहा कि सभ्य समाज में गलत अचारण के अध्यापकों के लिए कोई जगह नहीं हैं, जिनके कंधें पर बच्चों के भविष्य को सुनहरा बनाने की जिम्मेदारी हो। लेकिन वह अपने अचारण के विपरीत जाकर खुद छात्राओं का उत्पीड़न व शोषण करने में लगे हो। ऐसे अध्यापकों की सही जगह सलाखों के पीछे है।
अभी हाल में भल्ला इंटर कॉलेज में एक प्रवक्ता सुनील आर्य की करतूतोें ने तीर्थनगरी को हिलाकर रख दिया। आरोप हैं कि प्रवक्ता द्वारा अपने कक्षा की ही दो छात्राओं को मानसिक उत्पीड़न करते हुए शोषण किया। छात्राए इस कदर हैरान व पेरशान हो गयी कि उनको कॉलेज छोड़ने का मन बनाना पड़ा, लेकिन प्रवक्ता ने उनको टीसी तक नहीं लेने दी। पीडिताओं के प्रधानाचार्य से शिकायत करने पर उनके घर पर पहुंचकर आरोपी प्रवक्ता द्वारा शिकायत वापस लेने के लिए दबाब डाला गया। इस बात की जानकारी बेटी बचाओ, बेटी बढाओं की ब्रांड एम्बेसडर डॉ. मनु शिवपुरी ने शुक्रवार को प्रेस क्लब हरिद्वार में पत्रकारों से रूबरू होते हुए दी।
उन्होंने कहा कि मामला करीब तीन माह पुराना हैं, लेकिन आरोपी प्रवक्ता के खिलाफ कोई एक्शन नहीं हुआ। मामला उनके संज्ञान में आने पर उन्होंने खुद पीडिताओं से मुलाकात करते हुए उनसे पूरी प्रकरण की जानकारी ली। जिसके बाद उन्होंने उत्तराखण्ड के डीजीपी अशोक कुमार, एसएसपी अजय सिंह और एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार से भी सम्पर्क कर मामले से अवगत कराया गया। जिन्होंने उनको भरोसा दिलाया कि पीडित छात्राओं को न्याय जरूर दिलाया जाएगा। दुर्भाग्यवश मामला थाने तक ही नहीं पहुंचा। उनके द्वारा लगातार पीडित छात्राओं के सम्पर्क में रखते हुए उनको न्याय दिलाने के लिए प्रयासरत रही। उनके द्वारा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर मामले से अवगत कराया गया। जिसके बाद आरोपी प्रवक्ता के खिलाफ नगर निगम आयुक्त की ओर से एक्शन लिया गया।
उन्होंने बताया कि पीडित छात्राओं ने हिम्मत दिखाकर प्रवक्ता के खिलाफ लिखित में कॉलेज प्रधानाचार्य को शिकायत की थी। जिसपर इस मामले को लेकर तीन-तीन बैठके हो चुकी थी, लेकिन कॉलेज प्रबंधन कोई निर्णय नहीं ले पाया। आरोप हैं कि शिकायत करने की जानकारी पर आरोपी प्रवक्ता कई बार शिकायतकर्त्ता छात्राओं के घर पर पहुंचकर उनको शिकायत वापस लेने के लिए धमकाया गया। लेकिन पीडित छात्राएं भी मन बना चुकी थी कि प्रवक्ता के खिलाफ कार्यवाही कराने की। आरोप हैं कि प्रवक्ता द्वारा पीडित छात्राओं से अश्लील चैट भी की गयी, पीडिता ने अपनी शिकायत के साथ चैट को भी सम्मलित किया गया है।
उन्होंने बताया कि उनके संज्ञान में आया कि आरोपी प्रवक्ता की इस तरह की शिकायते पूर्व में भी की जा चुकी है। लेकिन तब मामले को कुछ शिक्षकों के दबाब में दबा दिया गया था। लेकिन अब मामले को दबने नहीं दिया जाएगा। पीडित छात्राओं को जरूर न्याय दिलाया जाएगा। जिसके बाद समाज में एक नजीर पेश होगी कि अगर गलत करोगे तो उनको सजा जरूर मिलेगी। अधिवक्ता पुनीत कंसल ने इस मामले में कानून की जानकारी देते हुए पीडित छात्राओं को न्याय दिलाने के लिए उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर मामले को थाने तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई है। प्रेसवार्ता के दौरान एडवोकेट पुनीत कंसल, अर्श शर्मा, संजीव बालियान, दिव्यांश शर्मा आदि मौजूद रहे।