गोरखपुर से अजीबोग़रीब आत्महत्या का मामला सामने आया है। सिविल लाइंस इलाके में बिस्मिल पार्क के सामने रहने वाले शहर के मशहूर मनोचिकित्सक डॉ. रामशरण श्रीवास्तव की बेटी और दामाद ने कुछ घंटों के अंतराल पर खुदकुशी की है।
दामाद की लाश बीते दिन रविवार सुबह सारनाथ के होटल में फंदे से लटकी मिली है। इसकी सूचना जब गोरखपुर में बेटी को मिली तो उसने भी घर की छत से कूद कर आत्महत्या की है। घटना की सूचना पर एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई मौके पर पहुंच गए। फोरेंसिक टीम ने भी मौके पर छानबीन की है। आत्महत्या के कारणों का फिलहाल कुछ पता नहीं चला है। डॉ. रामशरण श्रीवास्तव की दो बेटियां और एक बेटा है। दूसरी बेटी संचिता (30) ने नवंबर 2022 में बिहार के बाढ़ निवासी हरीश बागेश (31) से प्रेम विवाह किया था। मृतक संचिता ने दिल्ली पर्ल अकादमी से फैशन डिजाइनिंग की थी और जबकि हरीश ने जम्मू से एमबीए किया था। रविवार सुबह डॉ. रामशरण के पास वाराणसी से फोन पहुंचा कि हरीश ने सारनाथ के एक होटल में फंदे से लटक कर खुदकुशी की है। इसी दौरान सुबह करीब 9:30 बजे संचिता ने घर की छत से छलांग लगाईं है। डॉक्टर रामशरण आनन-फानन बेटी को विजय चौक स्थित निजी अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। हरीश पांच जुलाई को गोरखपुर से अपने घर पटना जाने के लिए कहकर गया था, लेकिन उसी रात आठ बजे वह सारनाथ के एक होटल में रुका और बीते दिन रविवार सुबह कमरे में उसका शव फंदे से लटकता मिला। पुलिस की पूछताछ में होम स्टे संचालक ने बताया कि एक एप के माध्यम से हरीश ने कमरा नंबर-202 बुक किया था। पांच जुलाई की रात वह अपने कमरे में ठहरने आया। उसके कमरे का दरवाजा खटखटाया। दरवाजा न खुलने पर उन्होंने संचालक को सूचना दी। संचालक ने रोशनदान से झांक कर देखा तो हरीश पंखे के हुक से रस्सी के फंदे के सहारे लटका हुआ था। पुलिस को गांजा, सिगरेट, लाइटर, पर्स और मोबाइल मिला।